अचानक कीट संक्रमण से 42 प्रतिशत आम की फसल हुई बर्बाद

लाल धारीदार फल बेधक कीट का संक्रमण

छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार,आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के विभिन्न जनपदों में लाल धारीदार फल बेधक कीट मिल रहा है। बहुत से इलाकों पर तो इस कीट ने तकरीबन 42% फलों में छेद कर दिया है। बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जनपद में
आम के बाग में लाल धारीदार फल बेधक कीट का संक्रमण बढ़ गया है। इससे फलों का काफी हानि का सामना करना पड़ रहा है। अब ऐसी स्थिति में आम उत्पादक किसानों को सावधान एवं सतर्क करने की सलाह दी जा रही है। बताया जा रहा है, कि मिलीबग एवं मधुवा कीट के उपरांत फिलहाल लाल धारीदार फल बेधक कीट किसान भाइयों हेतु चिंता का कारण बन चुका है। यदि समय रहते बागों में दवाऐं नहीं छिड़की गई तो उत्पादन भी काफी हद तक प्रभावित हो सकता है।

किसान इस कीट से निपटने के लिए सतर्कता बरतें

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी अनुसंधान संस्थान रेहमानखेड़ा, लखनऊ के निदेशक डॉ. टी दामोदरन ने आम उत्पादक किसानों को लाल धारीदार फल बेधक कीट से संरक्षण हेतु तैयार रहने की अपील की है। उन्होंने बताया है, कि लाल धारीदार फल बेधक कीट का प्रकोप हिमसागर आम के बागों में दिखाई पड़ने लगा है। इस कीट के कहर की वजह से फल के सिर्फ निचले भाग में सड़न चालू हो गई है। यह कीट आक्रमण आम के निचले हिस्से में छेद करके फल को बेहद हानि पहुंचा रहा है। इसकी वजह से आम के फल पेड़ से नीचे गिर जा रहे हैं। संस्थान के कीट वैज्ञानिक डॉ. एच यस सिंह ने बताया है, कि विगत दो सालों से भारत में इसका आक्रमण काफी बढ़ गया है। झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के बहुत से जनपदों में यह कीट पाया जाता है। बहुत सी जगहों पर तो इस कीट ने तकरीबन 42% प्रतिशत फलों में छेद कर दिया है, जिससे वह सड़ चुके हैं। दरअसल, बीते साल भी लाल धारीदार फल बेधक कीट ने मुजफ्फरपुर में आम के बागों में जमकर नुकसान पहुँचाया था।

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आज तक कभी इस कीट के प्रकोप के बारे में सुनने को नहीं मिला है

दरअसल, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में इस कीट का अभी तक आक्रमण नहीं हुआ है। लेकिन आगामी दिनों में इन इलाकों में इस कीट के संक्रमण होने की संभावना ज्यादा है। इस कीट का आक्रमण मसूर आकार के फलों से चालू होकर पकने के पूर्व तक की हालत में होता है। पकने के लगभग (गूदा में पीलापन शुरू हो जाने पर) फल पर इस कीट का प्रभाव नहीं पड़ता है। फल पकना चालू होने पर यह कीड़े पेड़ की छाल, पत्ते या फिर डाल में छुप जाते हैं। अगले वर्ष फूल आने तक सोते रहते हैं.

आम के फलों का आकार कुछ ऐसा होने लगा है

संस्थान से मिली सलाहनुसार आम के फलों का अब मसूर जैसा आकार होता जा रहा है। साथ ही, कीट संक्रमण की जानकारी भी प्राप्त हो चुकी है। ऐसे में शीघ्रता से फलों की जाँच पडताल करें। फल के सबसे नीचे वाले भाग में जिसको साइनस रीजन भी बोला जाता है। वहां पर एक लघु क्षेद उपस्थित होगा। इससे आम तौर पर जल की बूंदें निकलती दिखाई देंगी। जो कि कुछ दिन के बाद गोंद की भांति जम जाती हैं। फल काटने पर उसके भीतर रेड बेंडेड कैटरपिलर पाए जाते हैं। ये कीड़े रात के समय में एक फल से निकलकर दूसरे फल में छेद करने लगते हैं। कभी-कभी यह वहीं रुका करते हैं। इसकी वजह से एक ही छेद में बहुत सारे कीड़े पाए जाते हैं।